अच्छाई देखने सुनने के लिए हमेशा तत्पर रहें

क्या आप दूसरों की प्रशंसा आसानी से नहीं कर पाते, क्या आपको दूसरों में कोई अच्छाई (goodness) नहीं दिखती? क्या आपको बुराई करना और सुनना दोनों ही खूब पसंद है? फिर तो, आपको अपने जीवन में चल रहे असंतोष और असंतुलन का उत्तर ज़रूर ढूंढना चाहिए.

भारत बोलेगा के माध्यम में एक ऐसी कहानी आप तक पहुंचाई जा रही है, जो आपको एक बेहतर इंसान बनने में मददगार होगी, और आप अच्छाई देखने सुनने के लिए हमेशा तत्पर होंगे.

look for goodness in people

एक सुंदर वन में तरह-तरह के जानवर रहते थे. सभी जानवरों का यूं तो अपना-अपना समुदाय था किंतु वे एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते थे. सभी एक दूसरे की जीवन शैली का सम्मान करते और उनके जीवन जीने के तौर तरीके को स्वीकार करते.

किसी को भी इस बात से कोई परेशानी नहीं थी कि कौन क्या करता है, क्या खाता है, कैसे जीता है? वे बस अपने खाने, पीने, रहने का ध्यान रखते, अपने तौर तरीकों से जीवन जीते और उस वन के प्रति अपने दायित्व को पूरा करते जिससे उस वन का संतुलन बखूबी बना रहता.

एक बार एक विचित्र तरह का जानवर उस सुंदर वन में प्रवेश कर गया. वह किसी भी क्रिया में बाकी जानवरों जैसा नहीं था. न तो उनसे ताकतवर, न ही उन जैसा मेहनतकश, लेकिन उसके पास उन जानवरों से तेज़ दिमाग था. क्योंकि वह मेहनत नहीं कर सकता था तो उसने तय किया कि वह इन बाकी जानवरों की मेहनत से लाया हुआ भोजन खा कर ही अपना काम चलाएगा.

इसके लिए उसने एक तरकीब निकाली. वह अब अलग-अलग समुदाय के जानवरों के पास जाता और उनके प्रतिदिन के सामान्य काम की भी खूब प्रशंसा करता. सभी समुदाय के जानवर खुश होकर उसे खाने को दे देते. कुछ दिन तक उसका यह कारोबार खूब अच्छा चला किंतु सभी जानवर अब अपनी एक ही जैसी प्रशंसा सुन कर ऊब गए और उसे पूछना बंद कर दिया.

तब उस विचित्र जानवर के मन में एक दूसरी तरकीब आई जिससे न केवल उसके हमेशा के खाने का जुगाड़ हो गया बल्कि प्रत्येक समुदाय के जानवर को उसकी आवश्यकता भी पड़ने लग गई. वह तरकीब थी दूसरे समुदाय के जानवारों की कमी दिखाना.

अब सभी समुदाय एक दूसरे की कमी जानने के लिए उस विचित्र जानवर को मनचाहा भोजन देते. वह जब चाहे उन्हें आपस में लड़वा कर जब चाहे सुलह करा देता और मन चाहा इनाम प्राप्त कर लेता. अब वह सुंदर वन सदा के लिए असंतुलित है.

क्या आपके आस-पास ऐसा जानवर या उसके द्वारा बिगाड़ा गया वन दिखता है. अगर इसका उत्तर हां है, तो आपको जानना चाहिए कि आपको तुरंत क्या करना है!

Human qualities and nature goodness evil
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।।

भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी