फिल्म समीक्षा: सिलसिला

हिंदी सिनेमा के प्रतिभावान निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्म सिलसिला जब 1981 में बड़े पर्दे पर आई, तो दर्शकों के लिए यह फिल्म किसी झटके से कम नहीं थी. फिल्म में अभिनय कर रहे थे महानायक अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया भादुरी बच्चन और उनकी तथाकथित प्रेमिका रेखा.

फिल्म एक लव ट्रायंगल पर आधारित थी, जो इन तीनों कलाकारों के असल जीवन से प्रेरित थी. विवाहेत्तर संबंध दर्शाने वाली यह पहली हिंदी फिल्म नहीं थी,पर इस फिल्म को इस तथ्य ने ख़ास बनाया कि इसमें विवाहेत्तर संबंध निभा रहा जोड़ा असल ज़िन्दगी में भी तथाकथित जोड़ा था.

सिलसिला कहानी थी एक उभरते हुए लेखक अमित मल्होत्रा की, जिनका जीवन एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बाद प्रेम और कर्तव्य के बीच विभाजित हो जाता है. पत्नी और प्रेमिका के चयन में उलझे अमित का किरदार अमिताभ बच्चन ने बखूबी निभाया. 

फिल्म बेहद बोल्ड थी, किंतु अपने सौंदर्यात्मक निर्देशन से यश चोपड़ा ने इस फिल्म को बेहद यथोचित तरीके से पेश किया.

अपनी कहानी के अलावा, यह फिल्म प्रसिद्ध हुई अपने बेहद सुरीले संगीतों के लिए. फिल्म के संगीतकार थे शिव-हरी. सिलसिला के गाने आज भी बेहद लोकप्रिय हैं, खासकर होली के दृश्य पर फिल्माया गाना रंग बरसे. फिल्म के अधिकतर गाने कश्मीर की सुंदर वादियों में शूट हुए थे. 

अद्भुत कलाकार, निर्देशन एवं सुपरहिट गानों के बावजूद, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई. एक इंटरव्यू में यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा ने बताया कि फिल्म के असफल होने का कारण था फिल्म में दर्शाया गया लव ट्रायंगल और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर क्योंकि भारत में शादी का संबंध बेहद श्रद्धास्पद होता है.

बहरहाल, असफल होने के बावजूद फिल्म अपनी एक कल्ट फॉलोविंग बनाने में सफल रही.


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