अफ्रीकी देशों में गधों की कमी

गधों से जुड़ा एक नया सर्वेक्षण चौकाने वाला है. पाया गया है कि खासकर अफ्रीकी देशों में गधों की संख्या घट रही है.

अफ्रीकी देशों में गधों की संख्या में कमी के लिए उनके चमड़े में एक विशेष गुण का पाया जाना बताया जा रहा है जिसकी मांग बढ़ रही है.

प्राथमिक कारण यही बताया जा रहा है कि उनके चमड़े की पट्टियों में अमृत जैसा पदार्थ छिपा है, जिसे ईजाओ कहा जाता है.

ईजाओ का बाज़ार तेजी से बढ़ रहा है और इसकी सबसे ज्यादा मांग चीन में हो रही है.

जब गधे के चमड़े को तेज आंच में उबालते हैं तो एक ख़ास प्रकार का गिलिटिन मिलता है जिससे अमृत के रूप में एक टॉनिक का उत्पादन किया जाता है.

फिलहाल, चीन में इसकी उपलब्धतता सबसे ज्यादा है और चीन इसके लिए अफ्रीकी देशों को एक बड़ा स्रोत मांन रहा है.

आपको बता दें कि अकेले अफ्रीकी देश केन्या में पिछले साल, एक गधे की कीमत में 325 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि केन्या में मात्र नौ लाख गधे ही बचे हैं. भारत समेत चीन के पड़ोसी देशों में तो अब गधों की जनगणना होनी ही चाहिए.


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