दिल्ली नहीं देखा तो क्या देखा

दिल्ली संस्कृति, सभ्यता और इतिहास के नमूनों से भरी एक खुली किताब की तरह है. कई राजधानियों, संत महात्माओं, मुगलों, अंग्रेजों एवं पर्यटकों की असंख्य कहानियां छिपाए बैठा है यह शहर.

भारत के नक़्शे पर यह भले ही एक बिंदु के समान लगता है, पर दिल्ली में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए फुर्सत और धीरज की बहुत ज़रूरत पड़ती है.

भारत की राजधानी दिल्ली में लोधी गार्डन की सुबह हो, या चांदनी चौक की पराठे वाली गली की दोपहर, इंडिया गेट पे बिताई एक यादगार शाम हो या हौज खास की झिलमिलाती रात, दिल्ली हर रूप में बेहद खूबसरत लगती है. तभी तो विश्वभर से हजारो यात्री खुद-ब-खुद यहां खींचे चले आते हैं.

किसे नहीं मालूम कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने भारत भ्रमण के दौरान विश्व के सातवें अजूबे ताज महल के बजाय दिल्ली का हुमायूं का मकबरा चुना, अपनी पत्नी मिशेल के साथ यादगार फोटोशूट के लिए.

तीर्थस्थल की सूची में अक्षरधाम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, लोटस टेम्पल, जामा मस्जिद, गुरुद्वारा बांग्ला साहिब – सभी एक से बढ़ कर एक अध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं.

खास कर जब चांदनी चौक की बात करें तो इसके अलावा शायद ही कोई ऐसी जगह होगी जहां गुरुद्वारा, मस्जिद, गिरजाघर और मंदिर – सभी एक साथ स्थित हों. यहां आपको दर्शन होंगे भगवान शिव को समर्पित हिंदू गौरी शंकर मंदिर के. मंदिर के बगल ही में 16 वीं शताब्दी के दिगंबर जैन मंदिर की उपस्थिति है. 

आगे बढ़कर स्वेतमबारा जैन मंदिर, और प्रसिद्ध सुन्धीरी मस्जिद स्थित है. चांदनी चौक पराठे वाली गली के लिए तो मशहूर है ही, साथ में यह बात उससे भी ज्यादा उल्लेखनीय है कि यह बाजार पिछले तीन दशकों से यहां मौजूद है.

दिल्ली में इतिहास, धर्म और आधुनिकता का अनोखा संगम देखने को मिलता है. लाल किला, क़ुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा जैसी इमारतें, और चांदनी चौक, लक्ष्मी नगर, दिल्ली हाट, सरोजिनी नगर, साउथ एक्स, लाजपत नगर और खान मार्केट जैसे बाज़ार इसके प्रतीक हैं.

उत्तरी भारत के व्यंजनों का जायका और कई सालों पुरानी दुकानों के अनोखे सामान भारतीय परंपराओं का अनुभव कराते हैं, और साथ ही प्राचीन कारीगरों को प्रोत्साहन भी देते हैं.

कनॉट प्लेस की औपनिवेशिक दीवारें, और उनमें स्थित बड़े-बड़े शो-रूम दिल्ली के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक हैं. यहां हर बजट के अनुसार खरीदारी एवं खान पान की व्यवस्था है. यदि बजट कम हो तो कनॉट प्लेस के बगल में स्थित तिब्बतन मार्केट, पालिका बाजार या जनपथ मार्केट चले जाएं.

कम बजट में जब बात खाने की हो तो इंडियन कॉफी हाउस के मटन कटलेट, जैन चावल वाले के राजमा और कढ़ी चावल, या आनंद रेस्तरां की बिरयानी का लुत्फ़ उठा सकते हैं. यह सभी व्यंजन मात्र 50-100 रूपये में उपलब्ध हैं.

जेब बड़ी हो तो कनॉट प्लेस को आप ब्रांड और बेहतरीन रेस्तरां से भरा पाएंगे. कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में लहराते तिरंगे को किसी समीरिक मौसम में देखने का मज़ा ही कुछ और है. आए दिन आप यहां कई लाइव शूटिंग भी देख सकते हैं. आपकी हर खोज कनॉट प्लेस पर पूरी होने की पूरी-पूरी संभावना रहती है – चाहे आप बुक लवर हों, या पार्टी एनिमल, शौपाहौलिक हों या फिर एक फूडी.

दिल्ली में यात्रा के दौरान इंडिया गेट, राज घाट, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और सचिवालय को ना भूलें. यहां की भव्यता और समृद्धि आपका मन मोह लेगी. यदि आप कला संस्कृति के प्रेमी हैं, तो मंडी हॉउस के नाटक और हौज खास के आर्ट एग्जिबिशन ना मिस करें.

दिल्ली सभी प्रकार के यात्रियों के लिए एक गंतव्य है. यहां होटल विविध वर्ग – जैसे कि वेकेशन और कॉर्पोरेट – जैसी अलग-अलग श्रेणियों, बजट एवं सुविधाओं के अनुसार चुन सकते हैं.

दिल्ली के आस पास कहां घूमें?

नई दिल्ली भारत का प्रशासनिक केंद्र है और इसके आसपास का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र विशेष रूप से गुड़गांव और नॉएडा वित्तीय और आईटी केंद्रों के रूप में विकसित हो रहा है. 

कब आएं दिल्ली?

नई दिल्ली की यात्रा का सबसे अच्छा समय या तो अक्टूबर और नवंबर या फरवरी और मार्च के महीनों के दौरान है. बाकी महीनों में दिल्ली में मौसम या तो बहुत गर्म या बहुत ठंडा होता है.

कैसे आएं दिल्ली?

वाया रोड दिल्ली आने का मज़ा कुछ और ही है. अमृतसर से दिल्ली तक जाने वाली ड्राइव लगभग 460 किलोमीटर की है, कम से कम 7 घंटे लग जाते हैं. चंडीगढ़ से लगभग 5 घंटे का समय लग सकता है. जयपुर से दिल्ली लगभग 260 किलोमीटर है, तो इसमें कम से कम 8 घंटे लगने की संभावना होती है. दिल्ली से लगभग 220 किलोमीटर की दूरी पर आगरा और मथुरा है. दिल्ली से शिमला, मनाली, डलहौज़ी और धर्मशाला जैसे हिल स्टेशन जाने के लिए लगभग आधे दिन का समय लग जाता है.

रेल से सफ़र करना हो तो दिल्ली के तीन प्रमुख रेलवे स्टेशन – नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन – भारत के अन्य सभी बड़े शहरों के साथ सीधे जुड़ते हैं. इनके इलावा निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, आनंद विहार रेलवे स्टेशन और सराय रोहिल्ला के विकल्प भी उपलब्ध हैं.

शहर में मेट्रो की सवारी करनी हो तो दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन इंटर सिटी सेवा प्रदान करती है, जो दिल्ली के कई हिस्सों को गुड़गांव, नॉएडा और गाजियाबाद जैसे पड़ोसी स्थलों से जोड़ती है.

वाया एयर के क्या कहने. दिल्ली के पश्चिमी कोने में स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्थलों को दिल्ली से जोड़ता है. यह देश के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक है. इस हवाईअड्डे पर शॉपिंग सेंटर, खान-पान, कैफेटेरिया, साइबर कैफे जैसी बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी