मई का महीना आते ही देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार के लिए होड़ तेज हो जाती है.
खिलाड़ियों के नामांकन आने शुरू हो जाते हैं और पुरस्कारों के लिए दबाव की राजनीति अपने पैर पसारने लगती है.
राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए कोई साल ऐसा नहीं गुजरता जब कोई विवाद खड़ा न हो.
राजीव खेल रत्न के लिए स्टार पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट, स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा, निशानेबाज हीना सिद्धू और अंकुर मित्तल तथा पूर्व हॉकी कप्तान और मौजूदा गोलकीपर पीआर श्रीजेश के नाम उनके खेल संघों द्वारा केंद्रीय खेल मंत्रालय को भेजे जा चुके हैं. अभी और भी नाम आ सकते हैं.
खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कारों के लिए एक प्रख्यात खिलाड़ी की अध्यक्षता में एक समिति गठित होगी जो अपनी सिफारिश मंत्रालय को देगी.
![Wrestler-Bajrang-Punia-](http://bharatbolega.com/wp-content/uploads/2019/05/Wrestler-Bajrang-Punia-.jpg)
खेल रत्न की दौड़ में बजरंग की दावेदारी सबसे ज्यादा मानी जा रही है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में निरंतरता के साथ पदक विजयी प्रदर्शन किया है और वह इस समय अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद माने जा रहे हैं.
बजरंग के नाम की पिछले साल भी खेल रत्न के लिए सिफारिश की गई थी लेकिन गत वर्ष खेल रत्न भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली और महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू को प्रदान किया गया था.
वर्ष 2018 में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता बजरंग ने उन्हें नज़रअंदाज़ किए जाने पर खासी नाराज़गी जताते हुए अदालत तक जाने की धमकी दे डाली थी लेकिन अपने गुरू योगेश्वर दत्त के समझाने पर उन्होंने यह इरादा छोड़ दिया था.
बजरंग को तब उनके गुरू योगेश्वर ने समझाया था कि वह सिर्फ अपने खेल पर ध्यान रखें और पुरस्कार अपने आप आते रहेंगे.
बजरंग ने फिर खेल रत्न पर से अपना ध्यान हटाकर अपने प्रदर्शन पर लगाया जिसके शानदार परिणाम सामने आने लगे.
विवाद को पीछे छोड़ने के बाद बजरंग ने अक्टूबर में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया. बजरंग को इस साल के शुरू में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
![](http://bharatbolega.com/wp-content/uploads/2019/05/Padma_Shri_Bajrang_Punia.jpg)
हरियाणा के इस पहलवान ने हाल ही में एशियाई चैम्पियशिप में स्वर्ण पदक जीता जो इस प्रतियोगिता में भारत के 16 पदकों में एकमात्र स्वर्ण पदक रहा.
पिछले तीन वर्षों में बजरंग ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया है. बजरंग ने 2017 की एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, 2018 में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण, विश्व चैंपियनशिप में रजत और एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक तथा 2019 में एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता.
प्रदर्शन में ऐसी निरंतरता किसी अन्य खेल के खिलाड़ी ने नहीं दिखाई है.
कौन देगा बजरंग को चुनौती
बजरंग को यदि चुनौती मिल सकती है तो महिला पहलवान विनेश और एथलीट नीरज चोपड़ा से.
विनेश ने पिछले वर्ष राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और हाल की एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
विनेश का नाम इस साल प्रतिष्ठित लॉरियस विश्व खेल पुरस्कारों में कमबैक ऑफ द ईयर के लिए नामित किया गया था और इन विश्व पुरस्कारों में नामित होने की उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली भारतीय एथलीट बनी थीं.
कमबैक प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए लीजेंड गोल्फर टाइगर वुड्स भी नामित हुए थे, नीरज ने भी भाला फेंक में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और वह भी राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हैं.
नीरज का नाम पिछले वर्ष खेल रत्न के लिए भेजा गया था लेकिन उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया गया था.
बजरंग का खेल रत्न के लिए सबसे मजबूत दावा बनता है लेकिन यदि इस बार भी उन्हें नजरअंदाज किया गया तो ओलंपिक से पहले यह भारतीय खेलों का सबसे बड़ा विवाद बन जाएगा.