हॉकी के जादूगर समझे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के बराबर यदि किसी खिलाड़ी को आंका जाता है तो वह आजाद भारत में बलबीर सिंह सीनियर थे.
इनका 25 मई को लंबी बीमारी के बाद मोहाली में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया.
बलबीर ने भारत की आजादी के बाद 1948 के लंदन, 1952 के हेलसिंकी और 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक में हॉकी में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीते.
![Balbir Singh](http://bharatbolega.com/wp-content/uploads/2020/05/Balbir-Singh.jpg)
उनके इस प्रदर्शन के कारण अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने उन्हें आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल किया था.
बलबीर देश का चौथा नागरिक सम्मान पद्मश्री पाने वाले पहले खिलाड़ी थे.
दुनिया में खेलों के सबसे बड़े मंच ओलंपिक में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीतना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और इसके लिए बलबीर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए लेकिन देश में किसी भी सरकार ने ऐसा करना उचित नहीं समझा.
आजादी से पहले मेजर ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 में लगातार तीन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे लेकिन तमाम मांग और प्रदर्शन के बावजूद किसी भी सरकार ने ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांगों पर ध्यान नहीं दिया.
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि देश में यदि किसी खिलाड़ी का भारत रत्न पर सबसे पहला हक़ था तो वह ध्यानचंद थे. लेकिन यह सम्मान क्रिकेट के लीजेंड खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को दिया गया.
सचिन को भारत रत्न देने के बाद किसी खिलाड़ी को भारत रत्न देने के लिए विचार नहीं किया गया. ध्यानचंद के लिए भारत रत्न मांगने वाले भी धीरे-धीरे थक गए और उन्होंने यह मान लिया कि कुछ भी कहने का कोई फायदा नहीं है.
1975 में हॉकी विश्व कप जीतने वाले भारतीय टीम के कप्तान अजीत पाल सिंह ने बलबीर को श्रद्धांजलि देते हुए दिल को झकझोर देने वाली बात उठाई है.
अजीत पाल ने कहा है कि जब सचिन को भारत रत्न मिल सकता है, तो मेजर ध्यानचंद और बलबीर सिंह को भी देश का सबसे बड़ा सम्मान मिलना चाहिए.
यह दोनों ऐसे समय में खेले, जब खेलों में बहुत ज्यादा पैसा नहीं था. इन्हें शाबासी के अलावा कुछ नहीं मिला.
![Balbir Singh Hockey Award](http://bharatbolega.com/wp-content/uploads/2020/05/Balbir-Singh-Hockey-Award.jpg)
बलबीर सिंह को मरणोपरांत ही सही, अगर यह सम्मान मिलता है तो देश की ओर से उन्हें इससे अच्छी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती.
पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने केंद्र सरकार से बलबीर को भारत रत्न देने की भी मांग की है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बलबीर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की थी.
देश को यदि सही मायनों में बलबीर को श्रद्धांजलि देनी है तो बलबीर सिंह सीनियर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए.