मेरा गांव सिसवापटना

बिहार में पूर्वी चंपारण केसरिया बौद्ध स्तूप से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिसवापटना गांव मेरी जन्म और कर्मस्थली है.

केसरिया बौद्ध स्तूप
केसरिया बौद्ध स्तूप

सिसवापटना बहुत शांत, रमणीक व हरियाली से भरा कृषि-प्रधान गांव है. इसे सिसवा पटना (Siswa Patna village) भी लिखा जाता है.


पूर्वी चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है. चंपारण को विभाजित कर 1971 में बनाए गए पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी है. पूर्वी चंपारण के उत्‍तर में एक ओर जहां नेपाल तथा दक्षिण में मुजफ्फरपुर स्थित है, वहीं दूसरी ओर इसके पूर्व में शिवहर और सीतामढ़ी तथा पश्चिम में पश्चिमी चंपारण जिला है. अंग्रेजी साहित्य के महान लेखक जॉर्ज ऑरवेल का जन्म 1903 में मोतिहारी में ही हुआ था, जब उनके पिता रिचर्ड वेल्मेज्ली ब्लेयर चंपारण के अफीम विभाग में सिविल अधिकारी थे.


शालीनता और गौरव से परिपूर्ण सिसवापटना गांव में स्कूल, काॅलेज और लड़कियों के लिए गर्ल्स इंटर काॅलेज हमारे स्वर्गीय पिता बैकुंठी बाबू द्वारा स्थापित किया गया हुआ है.

मेरा सिसवापटना गांव

मैं सिसवापटना गांव के नवयुवकों के रोजगार के लिए हर संभव प्रयास करती रहती हूं तथा बालिकाओं की शिक्षा और समस्या पर समुचित ध्यान देने की कोशिश करती हूं.

अपने गांव पर मुझे गर्व है.


सुधा सिंह, मुंबई


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