ऑफिस में खुश नहीं हैं?

आपने गलत ऑफिस चुन लिया है तो आपको क्या करना चाहिए?

ऑफिस में हर किसी को बुरे दिन का सामना करना पड़ता है. लेकिन अगर आश्वस्त हैं कि आपने गलत ऑफिस चुन लिया है तो आपको क्या करना चाहिए? क्या आपको तुरंत नौकरी छोड़ देनी चाहिए, या स्थिति को अपने अनुसार ढालने की कोशिश करनी चाहिए?

आपको सही कैरियर पर खुद को वापस लाना जरूरी है. ‘इमेजिन योर फ्यूचर’ किताब के लेखक डोरे क्लार्क कहते हैं, आपकी सबसे बड़ी चुनौती यह पता लगाना है कि समस्याएं अस्थायी हैं या आपको उनसे निरंतर जूझना पड़ेगा. खुद से यह पूछें, जरूरत होने पर साथी कर्मचारी से बात कर पता लगाने की कोशिश करें. ज्यादातर लोग अपनी नौकरियां ढूंढने में परिश्रम नहीं करते. इसलिए भी उन्हें ऐसी परेशानियां होती है. 

प्रत्येक नौकरी में कुछ न कुछ परेशानियां होंगी. आपको जगह पसंद आएगी तो काम करने के घंटों से नफरत होगी. कामकाजी लोगों के साथ ऐसा होता है.

आपने गलत ऑफिस चुन लिया है तो आपको क्या करना चाहिए?

आपको अपने बॉस अच्छे लगेंगे तो खुद का जॉब प्रोफ़ाइल मायूस करेगा. लेकिन, अगर आप पूरी तरह से अपने काम से नफरत करते हैं तो उस स्थिति में आपको क्या करना चाहिए?

क्या आपको तुरंत नौकरी छोड़ देनी चाहिए, या पहले एक नई नौकरी खोजनी चाहिए? क्या आपकी वर्तमान भूमिका वाकई निराशाजनक है?

सच से भागे नहीं

किसी जॉब को एकदम परफेक्ट नहीं कह सकते. कुछ नौकरियों में आपको अच्छे वेतन मिल सकते हैं, लेकिन ऑफिस पहुंचने के लिए रोज़ पापड़ बेलने पड़ेंगे. कुछ नौकरियां आपको इसलिए पसंद आएंगी क्योंकि आपको लगेगा कि वहां उन्नति के लिए अधिक अवसरों का वादा दिया जा रहा है.

अपने आप से पूछें, आप इस नौकरी से क्या चाहते थे और क्या आप वह प्राप्त कर पाएंगे? क्या ऑफिस में बेहतर काम करने के लिए उचित माहौल है, या क्या आपकी जॉब प्रोफाइल आपको अपने परिवार के साथ वांछित समय बिताने की अनुमति देती है?

क्लार्क कहते हैं, “एक अच्छी नौकरी में कई सकारात्मक चीजें होती हैं और कुछ चीजें आपको परेशान भी करती हैं.” लेकिन अगर आप केवल कुछ हफ्तों के बाद ही नौकरी छोड़ना चाह रहे हैं तो अंदर से उठ रहे उन संकेतों को अनदेखा न करें. क्लार्क का कहना है, “आपने अगर यह सोचना शुरू कर दिया है कि यह ऑफिस आपके लिए सही नहीं है, तो आप न खुद के लिए और न ही अपनी कंपनी के लिए अच्छा कर रहे हैं.”

अगर कोई रास्ता हो तो उसे खोजें

इस बारे में सोचें कि आपको परेशान करने वाले मुद्दे अस्थायी हैं या फिर हमेशा बने रहेंगे. अगर ऑफिस में कोई बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा है और आपको देर तक काम करना पड़ रहा है तो परियोजना के पूरा होने के साथ ही सब ठीक हो सकता है. कुछ महीनों में समस्याएं समाप्त हो सकती हैं. दूसरी तरफ, अगर आप नई नौकरी लेते हैं तो कौन जाने वहां भी लंबे समय तक काम करना पड़े. यदि आपके मन में कोई ठोस प्रश्न या संदेह हैं, तो अपने बॉस के पास जाएं और अपनी चिंताओं के बारे में उन्हें बताएं.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी