डिजाइनिंग है ड्रीम प्रोफेशन

फैशन कारोबार के लिए पूंजी की व्यवस्था करना मुश्किल लग सकता है लेकिन आजकल डिजाइनिंग का दौर है. फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में बच्चे करियर बनाना चाह रहे हैं. फैशन डिजाइनिंग वर्तमान समय में सबसे ज्यादा ग्लैमरस प्रोफेशन के रूप में उभरा है.

आज बच्चे फैशन की दुनिया में पहचान बनाना चाहते हैं. वे अच्छी कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वे अलग-अलग शहरों में भी बाज़ार खोज रहे हैं. वे विदेशों के भी चक्कर लगा रहे हैं. मतलब यह कि फैशन के क्षेत्र मिनी अवसर बन रहे हैं.

फैशन में आगे बढ़ना है तो पढ़ना भी होगा. किसी इंस्‍टीट्यूट से पढ़ाई करते हुए नए ट्रेंड पर ध्यान रखना होगा. समय-समय पर एक्‍पर्ट की राय को सुनना भी काम आ सकता है. फैशन की दुनिया में नया मुकाम पाना है तो इस विषय पर निरंतर शोध करना होगा.

बदलते ट्रेंड को पहचानें

फैशन ट्रेंड तेजी से बदलते हैं. इसलिए आपको अपने काम में सजग रहना होगा. बाज़ार पर अपनी पकड़ बनाने के लिए लोकल मार्केट के साथ-साथ अपने शहर और क्लाइंट की मांग पर ध्यान देना होगा. लोकल मार्केट में सप्लाई से आपका खर्च निकलता रहता है जबकि शहर में ट्रेंड के अनुरूप डिजाइन देने से आपका दबदबा बरकरार रहता है. और बात क्लाइंट की हो तो उसे उसकी जरूरत के अनुसार समय पर डिजाइन देना सबसे महत्वपूर्ण है. इन तीन महत्वपूर्ण बातों का ख्याल नहीं रखेंगे तो जल्दी ही पाएंगे कि आप इस खेल से बाहर हो चुके हैं.

फैशन ट्रेंड

रंग और तकनीक का जादू है फैशन

फैशन के क्षेत्र में रंगों और तकनीक का महत्व बढ़ गया है. इसलिए आपके पास रंगों के प्रति लोगों के रुझानों का विश्लेषण करने की क्षमता समझने वाली टीम भी होनी चाहिए. यह टीम दोस्तों, रिश्तेदारों से भी बनाई जा सकती है. आज जो फैशन चलन में है, जरूरी नहीं कि वह कल भी कायम रहे. ऐसा कभी नहीं मानें कि कल्पनाओं को साकार रूप देना ही फैशन है. फैशन एक उद्योग है और हर उद्योग की तरह इसमें भी उद्योग जैसा ही रिसर्च और खिलाड़ियों की जरूरत पड़ती है. आप जितना रिसर्च करेंगे उतने बेहतर फैशन ट्रेंड खुद ही सेट करेंगे.

लेदर, लेस, फर, कॉटन या सिल्क

फैशन के स्टूडेंट के लिए जरूरी है कि उसे विभिन्न तरह के कपड़ों की पहचान हो. उसे यह भी जानना चाहिए कि कौन सा कपड़ा कहां से आता है और वह बनता कैसे है. इसके लिए उसे विकीपीडिया और गूगल से ऊपर उठना होगा और खुद दक्ष बनना होगा.

फैशन डिजाइनिंग का क्षेत्र तीन ब्रांचों में विभाजित है- गारमेंट डिजाइन, लेदर डिजाइन और एक्सेसरीज व ज्यूलॅरी डिजाइन. इसके अलावा, फैशन बिजनेस मैनेजमेंट, फैशन रिटेल मैनेजमेंट, फैशन मार्केटिंग, डिजाइन प्रोडक्शन मैनेजमेंट आदि कोर्स में विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है. इन सभी क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त संस्थानों से ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स किए जा सकते हैं.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी