ट्विटर, इंस्टाग्राम सरकार

सूचना क्रांति और डिजिटल इंडिया चिलाते-चिल्लाते सरकार ट्विटर और इंस्‍टाग्राम से ऊपर नहीं उठ पा रही है. ऐसा लग रहा है ट्विटर और इंस्‍टाग्राम अब सिर्फ सोशल मीडिया नहीं रह गया है बल्कि सरकार का ऑफिशिअल स्पोक्समैन (सरकारी प्रवक्ता) बन गया है.

छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले से जहां देश हिल गया है वहीं सरकार फिर से इसे महज चुनौती बताते हुए ट्विटर का सहारा ले रही है और ट्विटर के ही माध्यम से सांत्वना भी दे रही है.

इस हमले में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फोर्स) के कई जवान शहीद हुए, जिसकी जानकारी देते हुए ऑल इंडिया रेडियो ने अपने समाचार में कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना को ‘चुनौती के रूप में लिया है’. ऑल इंडिया रेडियो ने यह भी बताया कि “उन्होंने ट्वीट कर घटना के शहीदों को श्रधांजलि दी”.

Prime Minister Narendra Modi on Twitterराष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी के भी ट्वीट का ही हवाला देते हुए ऑल इंडिया रेडियो ने कहा कि “ट्वीट संदेश में श्री मुख़र्जी ने शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की.”

ऑल इंडिया रेडियो के अप्रैल 25 के समाचारों में बताया गया कि “श्री मोदी ने ट्वीट संदेश में कहा कि केंद्र स्थिति पर कड़ी नज़र रखे है और शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा”.

छत्तीसगढ़ के सुकमा में 24 अप्रैल को हुए हमले में 25 जवान शहीद हो गए जब 300 नक्सलियों ने सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन पर हमला किया. इससे पहले 11 मार्च को सुकमा में ही 12 जवान शहीद हो गए थे. अब तक के सबसे बर्बर नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ  के 74 जवान शहीद हो गए थे.

Home Minister Rajnath Singh on Twitterहाल ही में ही सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि उभरते नए भारत की कहानी इंस्‍टाग्राम पर देखें. उन्होंने तो एक इंस्‍टाग्राम कार्यशाला का उद्घाटन भी किया. इंस्‍टाग्राम की भूमिका की चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि यह माध्‍यम नागरिकों से विजुअल रूप से जुड़ने का सरकार के लिए उचित स्‍थान बन गया है.

“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्‍वयं सोशल मीडिया पर अत्‍यधिक सक्रिय रहते हैं और फेसबुक, ट्वीटर तथा इंस्‍टाग्राम पर विश्‍व के सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले नेताओं में से हैं.”

Information Broadcasting Minister on Instagramनायडू ने शासन संचालन में सोशल मीडिया के अवसरों और चुनौतियों की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया नीति निर्माताओं को योग्‍य सूचना और इनपुट प्रदान करता है ताकि बेहतर निर्णय लिए जा सकें.

सरकार को यह समझना होगा कि यह सोशल मीडिया ही है जिसने पूरे विश्‍व में नागरिकों की अपेक्षाओं को बढ़ा दिया है. अतः बेहतर होगा कि देश की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करें और परफॉर्म करें.

नए डिजिटल युग में नागरिकों को महज सूचना से संतोष नहीं, बल्‍कि सूचना प्रदान करने की शीघ्रता और सूचना देने के तरीके के साथ-साथ एक्शन भी चाहिए. वर्ना आप सिर्फ ट्विटर और इंस्‍टाग्राम को प्रायोजित करते रह जाएंगे. सिर्फ ट्विटर और इंस्‍टाग्राम का गुणगान न करें बल्कि इन माध्यमों से एलान, घोषणा और तस्वीरों को साझा करने के साथ-साथ एक्शन-टेकेन रिपोर्ट यानी अपनी कार्रवाई के बारे में भी बताएं, खासकर सुकमा नक्सली हमले के बारे में.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी