हमारी ताकत देखो

सर्जिकल स्ट्राइक 2 में मारे गए आतंकवादियों की गिनती मत करो, भारत के सैन्यबल की ताकत देखो. यही बात समझने की है. फिलहाल, इसी में हर पक्ष की भलाई है. पुलवामा में हुए हमले के बाद युद्ध जैसे हालात भारत-पाकिस्तान सीमा पर बन गए हैं, बॉर्डर के दोनों ओर नागरिक सहमे हुए हैं.

पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) भारत के विभिन्‍न भागों में अन्‍य आत्‍मघाती आतंकी हमले का प्रयास कर रहा था, जिसके लिए वह फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षण दे रहा था. इस आलोक में ही आसन्‍न खतरे को देखते हुए एहतियाती हमला करना अनिवार्य हो गया था.

भारतीय वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के मुताबिक भारतीय एयर स्ट्राइक तगड़ी थी और निशाने पर की गई थी. अब कितने आतंकवादी मारे गए ये बताना सरकार का काम है, एयर फोर्स का काम नहीं.

लेकिन, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि पाकिस्तान के अंदर भारतीय वायु सेना के हमले में 250 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए. इतनी सटीक गिनती वे कैसे कर गए और उन्हें किसने इतनी सटीक जानकारी दी?

बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया के मुताबिक कितने आतंकवादी मारे गए, ये बताने से ज्यादा अहम है कि भारतीय लड़ाकू पाकिस्तान सीमा पार गए और लौटे.

भारतीय जनता पार्टी से पलट कई विपक्षी पार्टियां वायु सेना की कार्रवाई की उच्चस्तरीय जांच मांग कर रही हैं. साथ ही हमले के प्रमाण भी पुख्ता कराने की ज़रुरत पर बल दिया जा रहा है.

मीडिया ने स्ट्राइक होते ही बताया 350 मारे गए

भारतीय वायु सेना ने फरवरी 26 तड़के पाकिस्तान सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों पर बमबारी की थी. आतंकवादी संगठन जेईएम के प्रशिक्षण शिविरों पर हुए इस हमले के बारे में विदेश सचिव ने एक प्रेस वार्ता में बताया था कि खुफिया जानकारी के आधार पर भारत ने बालाकोट में जेईएम के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया.

प्रवक्ता के मुताबिक इस हमले में बड़ी संख्‍या में जेईएम आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्‍ठ कमांडर और जिहादियों के ऐसे समूहों का सफाया कर दिया गया, जिन्‍हें फिदायीन कार्रवाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा था.

इस हवाई हमले के बाद अब एक आम धारणा यह बन रही है कि उस बमबारी में कितने मारे गए यह महत्वपूर्ण नहीं है. हमले जिन ठिकानों पर हुए वे किसी भी नागरिक बस्‍ती से दूर एक पहाड़ी पर घने जंगलों में स्थित थे.  

पत्रकार अरुण पांडेय के अनुसार देखने की ज़रुरत यह है कि भारतीय सैन्यबल ने पाकिस्तान को कैसे घुटनों पर ला दिया. पाकिस्तान की सीमा तक जाना, उसके अंदर घुसना – बगैर रोक टोक – और स्ट्राइक करना और फिर लौट आना इंडियन एयर फोर्स यानी भारतीय वायु सेना के साहस का प्रतीक है.

पाकिस्तान के अंदर घुसकर हमला करना भारतीय वायु सेना की सुप्रीम ताकत का शक्तिशाली प्रदर्शन है. लेकिन, यह बात भी ध्यान देने की है कि भारतीय वायु सेना के हमले के अगले ही दिन पाकिस्तानी विमान भारत में घुस आए. तो क्या हिसाब बराबर हुआ?

हिंदुस्तानी एयरफोर्स की क्यों जय-जयकार हो 

भारतीय वायु सेना के जांबाजों की बहादुरी और साहस की प्रशंसा हो रही है. बस समाचार समूहों को यह परहेज करना चाहिए कि वे वीडियो गेम्स या अमेरिकी एयरफोर्स के वीडियो की क्लिप के साथ भारतीय वायु सेना के कारनामे ना दिखाएं.

भारतीय वायु सेना का काम एकदम 100 प्रतिशत मौलिक है, ओरिजनल है, और उसे फेक क्लिप या अन्य देशों के वीडियो के साथ दिखाकर उसकी गरिमा कम ना करें.

भारतीय वायु सेना अमेरिकी और इस्राइली एयरफोर्स के बाद सिर्फ तीसरी वायु सेना है जिसने ये कारनामा दिखाया है.

बमबारी करने के बाद शव कौन गिन सकता है

गौर करने की बात यह भी है कि भारतीय विदेश मंत्रालय या वायु सेना ने कभी नहीं कहा कि भारत ने 250 या 300 आतंकी मारे हैं. ये दावा कुछ भारतीय मीडिया ने किया. तो फिर हम सबूत उसी मीडिया से क्यों नहीं मांगते?

गोली चलाने के बाद या जैसा कि वायु सेना के हमले में हुआ, उसके बाद दुश्मन के शव कौन गिन सकता था? कोई आम के पेड़ से आम तो गिराए नहीं गए कि किसी को टोकड़ी लेकर बटोरने भेज दिया जाता.

राजनीति नहीं चाहते तो पहले स्वयं चुप रहें

कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के बाद पक्ष-विपक्ष की अजब-ग़ज़ब राजनीति देखने को मिल रही है. उनके साथ सामान्य लोग भी वाद-विवाद में फंसते दिख रहे है. समझदारी इसमें होगी कि मौजूदा हालात पर राजनीति नहीं की जाए.

पुलवामा में सैनिकों की जान ली गई है, एक झटके में 40 सैनिक उड़ा दिए गए हैं. भारतीय सुरक्षाबल जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं. इन अभियानों में और भी जानें जा रही हैं. इन सबके बीच सभी को सबसे पहले चुप रहना सीखना होगा.

सेना ने एक अग्र वार किया है. कुछ लोग इस स्ट्राइक का श्रेय लेने में लगे हैं तो अन्य अपने बयानों से स्ट्राइक करने में लगे हैं. बढ़-चढ़ कर बताने से अच्छा है कि हवाई हमले का श्रेय सिर्फ और सिर्फ भारतीय वायु सेना को दिया जाए और पुलवामा में सैनिकों पर हुए हमले की जिम्मेदारी तय हो.

अब उरी 2 या पुलवामा 2 भारत बर्दास्त नहीं करेगा. समझने की बात यह भी है कि आतंक का सफाया राजनीति से नहीं हो सकता.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी