गुरमेहर कौर के हिस्से में पीड़ा

गुरमेहर कौर के समर्थन में कई लोगों एवं संगठन ने मांग की है कि उन्हें धमकी देने वाले को गिरफतार किया जाए. विवादों के बाद जालंधर की रहने वाली गुरमेहर ने उस आंदोलन से खुद को हटा लिया है जिसे लेकर इतना रायता फैला. गुरमेहर अब केवल अपनी पढ़ाई करना चाहती हैं.

पंजाब में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी समेत अन्य संगठन भी गुरमेहर के समर्थन में आवाज देकर उसकी सुरक्षा पुख्ता करने के बारे में मांग कर चुके हैं.

गुरमेहर के दादा कंवलजीत सिंह का कहना है कि उनकी पोती ने शांति की बात की थी जिसे इतना इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए. उनकी पोती ने कहा कि कैंपस में हिंसा नहीं होनी चाहिए, इसमें गलत क्या है? कुछ लोग इसे देशद्रोह बताने लगे.

जानकारी में यह भी आया है कि गुरमेहर के परिजनों ने उसे राजनीति से अलग रहने के लिए समझाया है और फटकार भी लगाई है कि वह दिल्ली पढ़ने गई ना कि राजनीति करने.

जालंधर के बुद्धिजीवियों की माने तो गुरमेहर को मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया गया है जिससे उसके हिस्से में केवल विवाद, तनाव और पीड़ा आई है. इसमें कोई शक नहीं कि गुरमेहर फिलहाल नाजुक दौर से गुजर रही है.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी