विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने महामारी फैलाव की वजह बनने वाले नए रोगाणुओं के मूल स्रोतों की पड़ताल के लिए एक नए विशेषज्ञ समूह के प्रस्तावित सदस्यों की घोषणा की है. इस समूह में इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक पद्म श्री डॉ. रमन गंगाखेडकर (Dr Raman Gangakhedkar) भी शामिल हैं.
ये समूह कोविड-19 महामारी के लिए ज़िम्मेदार कोरोनावायरस SARS-CoV-2 सहित अन्य रोगाणुओं का अध्ययन करेगा.
![](http://bharatbolega.com/wp-content/uploads/2021/10/Safety-against-COVID-19-corona-virus-infections.jpg)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के ‘वैज्ञानिक परामर्शदाता समूह’ (SAGO) के प्रस्तावित सदस्यों को महामारी विज्ञान, पशु स्वास्थ्य, मरीज़ों के उपचार, विषाणु विज्ञान, जैविक सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और जीनोमिक्स जैसे क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता के आधार पर चुना गया है.
इन विशेषज्ञों के चयन के दौरान भौगोलिक व लैंगिक विविधता का भी ध्यान रखा गया है.
इस समूह में 26 वैज्ञानिक अनेक देशों से हैं और एक वैश्विक आहवान के बाद प्राप्त 700 आवेदनों में से उनका चयन किया गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में इस आशय की घोषणा की.
“SAGO, विश्व स्वास्थ्य संगठन को SARS-CoV-2 सहित, महामारी और वैश्विक महामारी की आशंका वाले उभरते और फिर से उभर रहे रोगाणुओं के स्रोतों के अध्ययनों के लिए एक वैश्विक फ़्रेमवर्क विकसित करने पर परामर्श देगा.”
स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक के मुताबिक़ नए वायरसों का उभरना और उनसे महामारी व वैश्विक महामारी का फैलाव, प्रकृति का एक तथ्य है.
उन्होंने सचेत किया कि SARS-CoV-2 इस कड़ी में ऐसा ही एक नवीनतम वायरस है, मगर यह अंतिम नहीं होगा.
बेहतर तैयारी ज़रूरी
कोविड-19 के लिए यूएन स्वास्थ्य की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर मारिया वान कर्कहॉव के अनुसार दुनिया को भावी बीमारियों के लिए बेहतर ढंग से तैयारी रखनी होगी.
![WHO Scientific Advisory Group on the Origins of Novel Pathogens](http://bharatbolega.com/wp-content/uploads/2021/10/WHO-Scientific-Advisory-Group-on-the-Origins-of-Novel-Pathogens.jpg)
डॉक्टर कर्कहॉव ने ज़ोर देकर कहा कि वो यह स्पष्ट करना चाहती हैं कि SAGO, किसी अगले मिशन के लिए कोई एक टीम नहीं है.
बताया गया है कि SAGO विशेषज्ञों द्वारा यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को परामर्श व समर्थन मुहैया कराया जाएगा, जिसके तहत भविष्य में, कोविड-19 और अन्य उभरते वायरसों व महामारी फैलाव के स्रोतों के अध्ययन के लिए WHO-अन्तरराष्ट्रीय मिशनों में भागीदारी हो सकती है.