चुपके चुपके चल री पुरवैया

इस बात में कोई संदेह नहीं कि हृषिकेश मुख़र्जी द्वारा निर्देशित फिल्म चुपके चुपके (Chupke Chupke) हिंदी सिनेमा जगत की सबसे उन्दा हास्य फिल्मों में से एक है.

साल 1975 में रिलीज़ हुई चुपके चुपके एक बंगाली फिल्म छदोबेशी की रीमेक थी जिसका निर्देशन भी हृषिकेश मुख़र्जी ने ही किया था.

दोनों फिल्में उपेन्द्रनाथ गांगुली के उपन्यास ‘छदोबेशी’ पर आधारित थी.

chupke chupke

चुपके चुपके में अभिनय किया सत्तर के दशक के स्टार धर्मेंद्र, शर्मीला टैगोर, जया भादुरी, अमिताभ बच्चन, ओम प्रकाश और असरानी ने.

यह फिल्म आज भी दर्शकों के दिलों में अपने बेहतरीन कॉमेडी और धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन के कमाल की जुगलबंदी के कारण ज़िंदा है.

गौर फरमाने वाली बात यह है कि इसी वर्ष शोले भी रिलीज़ हुई थी जिस फिल्म ने धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन के जोड़े को बड़े परदे के सर्वश्रेष्ठ दोस्तों की उपाधि दे दी थी.

चुपके चुपके कहानी थी बॉटनी के प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी की जो अपनी बीवी सुलेखा से बार-बार सुलेखा के जीजा राघवेंद्र की चतुराई और चालाकी की बड़ाई सुनते-सुनते तंग हो जाते हैं और निश्चय करते हैं कि अपनी बीवी के सामने उनके जीजा को चित करके ही दिखाएंगे.

फिर क्या, परिमल जी ड्राइवर प्यारे बन कर पहुंच जाते हैं अपने ससुराल, जीजा जी को हैरान परेशान करने. उसके बाद हास्य का मनोरंजक सफर जो शुरू होता है, वह किसी गुदगुदी से कम नहीं. 

इस फिल्म में सभी कलाकारों ने बेहतरीन काम किया है, परंतु धर्मेंद्र के उत्कृष्ट अभिनय ने फिल्म में चार चांद लगा दिए.

फिल्म के गीत बेहद लोकप्रिय हुए थे. फिल्म का संगीत दिया था एस. डी. बर्मन ने और बोल लिखे थे आनंद बक्शी ने.  


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