स्मार्ट समुद्री परिवहन टिकाऊ है

वैश्विक महामारी कोरोना (Corona) के दौरान समुद्री परिवहन (Maritime Transport) में डिजिटलीकरण से रुपांतकारी बदलाव आए हैं. डिजिटलीकरण व स्वचालन में तेज़ी आने से समुद्री परिवहन उद्योग (shipping industry) की दक्षता बढ़ी है.

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार ई-कॉमर्स ने ख़रीदारी के सम्बन्ध में उपभोक्ताओं के व्यवहार और ख़र्चों के रुझान में परिवर्तन किया है. इससे, डिजिटल रूप से सक्षम वितरण व भंडारण केन्द्रों की मांग बढ़ी है, जिससे जहाज़रानी व बंदरगाहों के लिए नए व्यावसायिक अवसर पैदा हो रहे हैं.

Foreman control drone to fly to survey the area worth in container yard

व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) की एक रिपोर्ट में, बुद्धिमान, सुदृढ़, और टिकाऊ समुद्री परिवहन को वैश्विक सामाजिक-आर्थिक पुनर्बहाली के लिए अहम क़रार दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जहाज़रानी उद्योग ने जलवायु अनुकूलन व सहनक्षमता की अहमियत को पहचाना है. इस क्रम में कार्बन पर निर्भरता कम करने व उत्सर्जनों में कटौती करने के लिए वैकल्पिक ईंधनों की तलाश शुरू हो गई है.

यूएन एजेंसी के अनुसार, वैश्विक सामाजिक-आर्थिक पुनर्बहाली, बुद्धिमान, सुदृढ़, और टिकाऊ समुद्री परिवहन के साथ-साथ, व्यापक वैश्विक टीकाकरण प्रयास पर निर्भर करेगी .

अंकटाड ने उद्योग जगत, देशों की सरकारों और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों से समुद्री नाविकों को अहम कामगारों के रूप में चिन्हित किए जाने और उनके टीकाकरण को प्राथमिकता दिए जाने की पुकार लगाई है.

Review of Maritime Transport 2021’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट दर्शाती है कि वर्ष 2020 में समुद्री व्यापार में 3.8 प्रतिशत की कमी ज़रूर आई लेकिन समय गुज़रने के साथ सुधार दिखने लगा.

अंकटाड की महासचिव रेबेका ग्रीनस्पैन के अनुसार एक स्थाई पुनर्बहाली महामारी के अगले रुख़ पर निर्भर करेगी. मोटे तौर पर चुनौतियों को कम करने के लिए विश्वव्यापी टीकाकरण आगे बढ़ाने पर ज़ोर देना आवश्यक है.

चूंकि आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) में आई मुश्किलों के कारण आर्थिक पुनर्बहाली पर असर हुआ है, इसलिए ज़रूरी यह भी है कि श्रमिकों की क़िल्लत और बुनियादी ढांचों को पुख्ता किया जाए.

व्यापार फिर से गति तब पकड़ेगा जब उपकरणों व कंटेनर की क़िल्लत दूर हो, भरोसेमंद सेवा मिले और बंदरगाहों पर भीड़ नियंत्रित की जाए. इसके लिए भी डिजिटलीकरण में तेजी दिखनी चाहिए.

कंटेनर जहाज़ परिवहन की लागत में बढ़ोत्तरी, सभी व्यापारियों व सप्लाई चेन प्रबंधकों के लिए एक चुनौती रही है. विशेष रूप से छोटी कंपनियों के लिए अतिरिक्त ख़र्चों को वहन कर पाना कठिन होता है.

रिपोर्ट के मुताबिक़, कंटेनर मालढुलाई दरों में वृद्धि को रोकना होगा. तभी आयात व उपभोक्ता क़ीमतों, दोनों पर अनुकूल असर दिखेगा.


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