गले में दर्द या खराश होने पर संगीत अभ्यास कैसे करें

कई बार गले के सूखने के कारण गले में दर्द, खराश या संक्रमण (throat infection) की शिकायत होती है. खाना निगलने में भी परेशानी होती है. मौसम बदलने के साथ तो कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

कुछ लोग घरेलु उपचार करने जाते हैं, तो कुछ शहद, अदरक, मुलेठी के इस्तेमाल को ही इलाज मानते हैं. आजकल गले में संक्रमण होना आम हो चला है. लोगों में सर्दी, जुकाम एवं गले में दर्द या संक्रमण का रहना देखा जा रहा है. उचित देखभाल ना करें तो रोग की चपेट में आ सकते हैं.

लोग कहीं प्रदूषित वातावरण में रहने को मजबूर हैं तो कहीं प्रदूषित जल या भोजन के सेवन से गले में परेशानी की शिकायत देखी जा रही है. सांस की तकलीफ कितने ही लोगों को हो गई है. तरह-तरह के वायरस और बैक्टेरिया भी गले में संक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं. बच्चों में भी टॉन्सिल में सूजन और गले में दर्द की शिकायत मिल रही है.

संगीत के पेशे से जुड़े लोगों को आवाज में कर्कशता भी महसूस होती है, और सही समय पर निगरानी और उपचार ना हो तो बुखार और खांसी से जूझना पड़ सकता है. गले का लगातार सूखना या जबड़े तथा गर्दन में दर्द, और कभी-कभी सिर में दर्द हो तो अपना ख्याल ज़रूर रखें.

संगीत से जुड़े लोगों को रखना चाहिए ख़ास ख्याल

अक्सर यह देखा गया है कि अधिक बोलने पर गले में खराश सी हो जाती है और दर्द होता है. यह समस्या टीवी और रेडियो से जुड़े लोगों, अध्यापकों और गायकों में आम है. इसके कारण बोलने और गाने में कठिनाई होती है.

यह समस्या स्वर तंतुओं (vocal cord) के अत्यधिक और निरंतर उपयोग से उत्पन्न होती है. जिस प्रकार अधिक परिश्रम अथवा व्यायाम से हमारे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव और सूजन आ जाती है, उसी प्रकार अधिक ऊंची आवाज़ में या लम्बे समय तक लगातार बोलने से वोकल कॉर्ड में क्षति होती है और पीड़ा का अनुभव होता है. कभी-कभी नाक और गले में संक्रमण के कारण भी दर्द होता है.

जब गले में इस प्रकार का दर्द होता है और इसके बाद भी बोलना या गाना ज़रूरी होता है, तो समझ में नहीं आता कि क्या करें? कहीं गले का उपयोग करते रहने से उसमें कोई स्थायी नुकसान तो नहीं हो जायेगा? इन प्रश्नों का उत्तर किसी अनुभवी विशेषज्ञ से मिले तो ज़्यादा संतोषप्रद होगा.

Dr. Rita Dev, Hindustani Classical Music Singer
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की गायिका डा. रीता देव बनारस घराने से सम्बन्ध रखती हैं तथा शास्त्रीय एवं अर्धशास्त्रीय दोनों ही प्रकार के गायन में निपुण हैं.

डा. रीता देव (Dr. Rita Dev) संगीत विशेषज्ञ हैं. वे संगीत (गायन) में डॉक्टरेट हैं. सालों से शास्त्रीय गायन का अभ्यास करने के कारण डा. रीता देव सही सलाह दे सकती हैं.

डा. रीता देव इस विषय में कहती हैं कि गले में दर्द होने पर “किसी बर्तन में गुनगुना पानी लेकर तौलिये से मुंह ढककर भाप लें.” चिकित्सक भी यह मानते हैं भाप लेना नाक और गले-सम्बन्धी अन्य समस्याओं में बहुत कारगर है.

भाप लेने से गले में तुरंत आराम मिलता है. इस उपाय को अपनाकर आप अपना संगीत का अभ्यास जारी रख सकते हैं. परेशानी ज़ारी रहने की स्थिति में चिकित्सक से राय-मशवरा लें.


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