“क्योंकि, ऑपरेशन की शुरुआत में ही हमने पाकिस्तान को संदेश भेजा था कि हम (पाकिस्तान स्थित) आतंकवादी ढाँचे पर हमला कर रहे हैं, हम (पाकिस्तानी) सेना पर हमला नहीं कर रहे हैं, इसलिए सेना के पास इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करने और अलग रहने का विकल्प है. उन्होंने उस अच्छी सलाह को नहीं मानने का विकल्प चुना”.
क्या इसका मतलब यह है कि भारत ने हमले से पहले पाकिस्तान (Pakistan) को सचेत किया था?
हां, विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) की टिप्पणी का अर्थ है कि भारत ने आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर हमला करने से पहले पाकिस्तान को सचेत किया था.
विशेष रूप से, उन्होंने कहा है कि भारत ने ऑपरेशन (Operation Sindoor) की शुरुआत में पाकिस्तान को एक संदेश भेजा था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि हमले आतंकवादी (Terror) ठिकानों पर लक्षित थे, न कि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर, और उस संदेश (message) में पाकिस्तानी सेना को हस्तक्षेप न करने की सलाह दी गई थी. यह पाकिस्तान को प्रत्यक्ष सैन्य टकराव से बचने का मौक़ा देने की भारत के सोची-समझी कोशिश को दर्शाता है.

यह टिप्पणी उन विश्लेषणों से मेल खाती है जिनमें कहा गया है कि भारत ने संघर्ष के दायरे को सीमित करने और मुख्यत: आतंकवाद विरोधी उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति के तहत हमले से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था.
पूर्व-सूचना का भारत के इस कदम से कूटनीतिक पारदर्शिता बनाए रखने का भारत का इरादा भी ज़ाहिर होता है, ताकि उसके द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के दौरान परमाणु शक्ति संपन्न देश पाकिस्तान किसी तरह की गलतफहमी में कोई घातक कदम नहीं उठा ले.
जयशंकर के लहजे से पूर्व-सूचना दिए जाने के बावजूद व्यापक संघर्ष से बचने में पाकिस्तान की नाकामी पर उनकी निराशा ज़ाहिर होती है, जिसके परिणामस्वरूप 10 मई को भारत को पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों पर सटीक मिसाइल हमले करने पड़े.
जब आम भारतीयों ने विदेश मंत्री जयशंकर की इस सनसनीखेज टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर खुलकर सवाल उठाना शुरू किया तो सरकार ने पीआईबी की फ़ैक्ट चेक यूनिट को सक्रिय किया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन @PIBFactCheck ने सैन्य मामलों के विशेषज्ञ प्रवीण साहनी @PravinSawhney के X पर लिखे पोस्ट के स्क्रीनशॉट पर “MISLEADING” का लाल ठप्पा लगाते हुए कहा कि “इस सोशल मीडिया पोस्ट में विदेश मंत्री @DrSJaishankar के बयान से गलत निष्कर्ष निकाला गया है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था.
पीआईबी फ़ैक्ट चेक ने ज़ोर देकर कहा: विदेश मंत्री को गलत तरीके से उद्धृत किया जा रहा है और उन्होंने यह बयान नहीं दिया है. सतर्क रहें और भ्रामक जानकारी के झांसे में नहीं पड़ें.