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भगवान की सूरत नाइटिंगेल जैसी

फ्लोरेंस नाइटिंगेल

फ्लोरेंस नाइटिंगेल का इंसानों के प्रति प्रेम कल्पना से परे था. वह फ्लोरेंस नाइटिंगेल ही थीं जिन्होंने सबसे पहले मरीजों को कम से कम 6 फीट अलग करने की सिफारिश की थी. कह सकते हैं वह सोशल डिस्टेंसिंग की जनक थीं. फ्लोरेंस नाइटिंगेल सही समय पर सही जगह पर सही व्यक्ति थीं, और वह लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती थीं.

12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म की 200 वीं वर्षगांठ है. फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म एक प्रतिष्ठित उच्च वर्गीय परिवार में हुआ था. किसी की परवाह किए बगैर उन्होंने अपना पूरा जीवन मरीजों की सेवा में झोंक दिया. अपने उद्देश्य की खातिर उन्होंने शादी भी नहीं की.

एक ऐसे युग में जब काफी कम प्रभावी दवाएं या अन्य उपचार उपलब्ध थे, उन्होंने सफाई और स्वच्छता पर ज़ोर दिया ताकि बीमारों की सही देखभाल हो सके. फ्लोरेंस नाइटिंगेल को ‘द लेडी विद द लैंप’ भी कहा जाता है चूंकि वे नर्स नहीं देवदूत थीं.

फ्लोरेंस नाइटिंगेल एक मज़बूत इरादों वाली महिला थीं जो अपनी सेवा भावना की वजह से दुनिया की तमाम औरतों के लिए मिसाल बन गईं. उन्हें ब्रिटेन की सरकार ने ‘ऑर्डर ऑफ़ मेरिट’ के सम्मान से नवाज़ा. ये सम्मान पाने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल पहली महिला थी.


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