पेट में पेड़

क्या फल या सब्जी के बीज खाने से पेट में पेड़ उग आते हैं?

आम तौर पर कोई भी फल या सब्जी खाते समय आपने उसका बीज भी खाया होगा. कभी जल्दबाजी में चबाकर या यूं ही निगल लिया होगा. तब, किसी ने जरूर चुटकी ली होगी … कि … “बच्चू अब देखना तुम्हारे पेट में पेड़ उगेगा.” कुछ ने यह भी तर्क दिया होगा कि “घबराओ मत, पेट में इतनी ताकत होती है कि वह सब गला देगा.”

बुद्धिमान लोगों ने तो जरूर बताया होगा कि चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. दो से तीन दिनों में बीज स्वतः बाहर आ जाएगा. और अगर नहीं आया और कोई परेशानी हुई तो डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करना.

संतरा खाते समय या नींबू का रस पीते समय उसका बीज चबा जाना या निगल जाना तो आम बात है. बीज कड़वा भी लगता है और कभी-कभी चिंताओं को भी जन्म देता है. पेट में कोई बीज हो और आप सामान्य व्यवहार करें, यह कैसे सम्भव है?

जो पदार्थ खाने योग्य ना हो उसे तो कभी न खाएं. इसलिए सलाह दी जाती है कि धीरे-धीरे और चबाकर खाना खाना चाहिए ताकि खाना हजम भी हो जाए और फल या सब्जी के बीजों को निगलने से बचा जा सके. परंतु अगर आपने कोई बीज निगल ही लिया है तो बिलकुल ना घबराएं.

वैसे भी आजकल प्रचलित फास्ट-फूड खाने से तो अच्छा ही है कि एक सेब खाया जाए — भले ही उसके साथ बीज भी क्यों ना पेट के अंदर चला जाए!

एक पारिवारिक मित्र तरबूज खाते समय कुछ बीज भी निगल गए. तब मैंने चुटकी ली: “अब तो आपके पेट में तरबूज उगेगा.” मेरे मित्र समझदार हैं. अतः उन्होंने पट जवाब दिया: “वाह! मैं तो इस कल्पना से ही फूले नहीं समा रहा हूँ कि मेरे कानों से लताएं व टहनियां निकलेंगी.”

अच्छा. क्या हो जब आप बबल गम चबाते-चबाते उसे निगल जाएं? क्या यह हानिकारक होगा? एक स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार यह मिथ्या है कि निगला हुआ बबल गम पेट में सात वर्षों तक पड़ा रहता है. सच्चाई तो यह है कि निगला गया बबल गम जल्द ही नित्त क्रिया से निवृत्त होते समय बाहर आ जाता है. हां, अगर आपने काफी मात्रा में बबल गम निगला है तो डॉक्टरों के यहां दौड़ लगानी पड़ सकती है.

अब प्रश्न उठता है कि क्या कुछ बीज जहरीले भी होते हैं? ‘एनल्स ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन’ में 1998 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार एक महिला ने खूबानी गुठली खा लिया और तुरंत बीमार हो गयी. अगले कुछ पलों में वह मर सकती थी. सौभाग्यवश उसकी हालत का कारण तुरंत मालूम हो गया और डॉक्टरों ने उसे बचा लिया.

अतः आप सावधान रहें. फल और सब्जियां खूब खाएं. जिन बीजों को खाया नहीं जाता उन्हें निगलने से बचें. धीरे-धीरे खाएं. चबा कर खाएं.


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