क्या मास्क लगाकर खेलेंगे खिलाड़ी

कोरोना ने खेल जगत के लिए अभूतपूर्व संकट की घड़ी पैदा कर दी है. किसी को समझ नहीं आ रहा है कि यह संकट कब समाप्त होगा और खिलाड़ी कब मैदान में लौटेंगे. मैदान में लौटने के बाद भी कुछ नहीं कहा जा सकता कि खिलाड़ी किन हालात में खेलेंगे.

कुछ समय पूर्व दिल्ली के प्रदूषण के कारण श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाड़ी राजधानी के फिरोजशाह कोटला मैदान में मास्क लगाकर खेलने उतरे थे लेकिन तब कोई नहीं जानता था कि भविष्य में खिलाड़ियों को मास्क लगाकर मैदान में खेलने उतरना पड़ेगा.

वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस कोविड-19 ने दुनिया भर में ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि इसका संकट समाप्त भी हो जाएगा तो भी खिलाड़ी किसी तरह का जोखिम नहीं उठाएंगे.

कोरोना के कारण दुनिया भर में दो लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं और 30 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं.

कोरोना के कारण सभी खेल गतिविधियां ठप्प हो चुकी हैं

टोक्यो ओलंपिक को 2021 तक के लिए स्थगित किया जा चुका है, भारत में सबसे लोकप्रिय आईपीएल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है.

टेनिस ग्रैंड स्लेम विम्बलडन को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार रद्द किया गया है.

विश्व प्रसिद्ध साईकिल रेस टूर डी फ़्रांस को स्थगित कर दिया है और दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फ़ुटबाल के सभी टूर्नामेंट फिलहाल स्थगित कर दिए गए हैं या फिर फुटबॉल टूर्नामेंटों को रद्द कर दिया गया है.

खेल की खबरें हर जगह से गायब हैं  

टीवी चैनलों में खेल या इससे जुड़ी खबरें बंद हो चुकी हैं. अख़बारों से खेल का पन्ना गायब हो चुका है. 

खिलाड़ी लॉकडाउन के कारण अपने घरों में कैद हैं और कोई नहीं जानता है कि आखिर खेल गतिविधियां कब शुरू होंगी.

आगे चलकर खेल गतिविधियों का स्वरुप कैसा होगा इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

खेल जब शुरू होंगे तब भी असामान्य परिस्थितियां बनी रहेंगी और खिलाड़ियों के लिए खेल आसान नहीं होंगे.

इसका सबसे बड़ा उदारहण क्रिकेट है जहां बॉल टेंपरिंग को अपराध माना जाता था और उसमें शामिल खिलाडी को कड़ी सजा दी जाती थी.

बॉल टेंपरिंग को वैध करने की बात की जा रही है

अब गेंदबाज गेंद पर चमक लाने के लिए मुंह की लार या थूक का इस्तेमाल कैसे करेगा? कोरोना का सबसे बड़ा खतरा तो मुंह से है और अब तो पूरी दुनिया मुंह पर मास्क लगाकर घूम रही है.

अब यह सुझाव सामने आ रहा है कि खिलाड़ी कृत्रिम चीजों जैसे क्रीम, वैसलीन या चमक लाने वाले पदार्थ का इस्तेमाल करें जबकि अभी तक यह अपराध माना जाता है और इसके लिए कड़ी सजा दी जाती है.

दो साल पहले ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ और उपकप्तान डेविड वार्नर पर सैंडपेपर का इस्तेमाल कर बॉल टेंपरिंग करने पर एक-एक साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था.

कोरोना के बाद सबसे बड़ी दिक्कत यह होगी कि क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, रग्बी जैसे टीम खेलों के खिलाड़ी एक दूसरे के नजदीक आने से घबराएंगे क्योंकि सामजिक दूरी को बनाए रखना आसान नहीं होगा.

यह भी कहा जा रहा है कि दर्शकों के बिना मैचों का आयोजन कराया जाए और लोग अपने घरों में बैठकर टीवी पर मैच देखें.

किसी भी खेल की आत्मा उसके दर्शक होते हैं और स्टेडियम में यदि दर्शक नहीं हुए तो खेल अपने आप ही दम तोड़ देंगे.

कल्पना कीजिए कि किसी आईपीएल मैच में दर्शक न हों तो उसका रोमांच कैसा रहेगा. केवल टीवी के भरोसे खेल नहीं खेले जा सकते.

क्या भविष्य में खिलाड़ी मास्क लगाकर खेलेंगे, सामाजिक दूरी को कैसे बरकरार रखा जाएगा, दर्शकों की सुरक्षा कैसे होगी, क्या खिलाड़ी जेब में सैनेटाइजर रखकर खेलेंगे, गोल करने या विकेट लेने के बाद खिलाड़ी जश्न कैसे मनाएंगे.

सवाल बहुत सारे हैं लेकिन अभी जवाब किसी के पास नहीं है और भविष्य में भी इसका जवाब ढूंढना बहुत मुश्किल होगा.


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