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कश्मीर में 95% राष्ट्रवादी

Nabeel Ahmed Vani

Nabeel Ahmed Vani

मेरे कश्मीर के साथ आतंक का टैग लग गया है, जिसे हटाने के लिए तत्पर हूँ. मैं रात-दिन मेहनत करके देश की सुरक्षा को दुरुस्त करना चाहता हूँ. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में चयन से मैं अतिउत्साहित हूँ. मैं कश्मीर का रहने वाला हूँ और उतना ही भारतीय हूँ जितना कि देश का कोई अन्य नागरिक.

मैं इसी देश में पैदा हुआ हूँ. यहीं का खाता हूँ और यहीं का हूँ. मैं मंदिर भी गया हूँ, मस्जिद भी जाता हूँ. मुझे नहीं पता कि सन् 1947 में क्या हुआ था या सन् 1965 में क्या हुआ था.

ये कहना है नबील अहमद वानी का. इन्हें इसका दर्द है कि लोग कश्मीरियों को शक की नज़र से देखते हैं. वानी कहते हैं कि इसके पीछे कारण है जिसे कश्मीर के हर नागरिक को समझना होगा. तभी बाकि लोगों का नजरिया बदलेगा. “जॉब के लिए कहीं इंटरव्यू देने गया तो मेरी भी तलाशी हुई. मुझे बुरा नहीं लगा. आज हालात ही ऐसे हुए हैं जबकि सच तो ये है कि कश्मीर में 95% लोग राष्ट्रवादी हैं. मेरी कोशिश होगी कि कश्मीर के लोगों को शक की नजर से देखना बंद हो.”

वानी के अनुसार अलगाववादी तत्व कश्मीरियों की मनोदशा को बदलते हैं. कश्मीर में सरकार की कोई भी योजना एक युवा के बारहवीं पास करने के बाद लागू होती है, जब तलक स्कूल स्तर के बच्चों का ब्रेन-वॉश हो चुका होता है. इस कारण बहुत कम उम्र के बच्चे भी मुख्य धारा से हट जाते हैं.

जम्‍मू एवं कश्‍मीर के उधमपुर के युवक नबील अहमद वानी, जिसने सीमा सुरक्षा बल प्रवेश परीक्षा 2016 में सर्वोच्‍च स्‍थान प्राप्‍त किया, ने 11 सितंबर, 2016 को नई दिल्ली में केद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की.

वानी ने भारत बोलेगा को बताया कि वे प्रसिद्ध होना नहीं चाहते. “मैं देश के लिए काम करना चाहता हूँ. मैं भारत माता की जय बोलूंगा, मैं जय हिंद बोलूंगा, अपने देश के लिए जो अच्छा होगा, मैं वो बोलूंगा. मैं इस देश में पैदा हूआ हूँ और इस देश का ही हूँ. मैं अपने देश के साथ चलना चाहता हूँ. जो गलत है या गलत हुआ है, मुझे उसे ठीक करना है.”

“मेरी बहन भी इंजीनियरिंग कर रही है और वह भी सैनिक बनना चाहती है. वह मुझसे बेहतर सैनिक बन सकती है. मेरी बहन अपने समुदाय में पहली लड़की है जो इंजीनियरिंग कर रही है. मैं और मेरे घरवाले लड़कियों और महिलाओं के पैर खींचने के विरुद्ध हैं. इसलिए मैं अपनी बहन का मार्गदर्शन करता हूँ.”

बीएसएफ में आला अफसर के रूप में चयन होने पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वानी ने मुलाकात की जिसके बाद कुछ समाचार संस्थायों ने वानी की तुलना मिलते जुलते नाम के एक अन्य वानी से कर दी जिससे वे आहत हुए.

बहरहाल, वानी की ज्वॉइनिंग कब होगी ये कहना अभी मुश्किल है. उनके पड़ोसी बताते हैं कि राज्य सरकार का रवैया उनके दस्तावेज के सत्यापन को लेकर लचर है.


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