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भारत रत्न अभिनन्दन

विंग कमांडर अभिनन्दन वर्धमान ने पाकिस्तान के एफ-16 विमान को जिस हैरतंगेज़ डॉग फाइट में मार गिराया और हवा में जितने कारनामे किए, उसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है.

इतना ही नहीं, उन्होंने अपने मिग-21 फाइटर प्लेन के क्षतिग्रस्त होने के बाद जिस बहादुरी से आसमान से छलांग लगाई और सुरक्षित ज़मीन पर उतर पाए, वह भी अद्भुत कारनामा था.

जब उन्हें एहसास हुआ कि वे किसी पाकिस्तानी क्षेत्र में उतर आए हैं, फिर तो उन्हें एक नई चुनौती का सामना करना पड़ा. तब भी अभिनन्दन ने अपना संयम बरकरार रखा और टूटे नहीं.

स्थानीय लोगों के हाथो में पड़ने के बाद अभिनन्दन ने बिलकुल वही किया जिसकी ट्रेनिंग किसी फाइटर पायलट को दी जाती है. पूरी दुनिया ने उनके वे वीडियो देखे हैं जब वे पाकिस्तानी क्षेत्र में उतरे.

स्थानीय लोगों के द्वारा पकड़ लिए जाने के बाद, अभिनन्दन की मनःस्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती. लेकिन, इस बहादुर सैनिक ने बिना आपा खोए पहले स्थिति का जायज़ा लिया और फिर बिलकुल वही किया जो उसे करना चाहिए था.

विंग कमांडर अभिनन्दन तुरंत ही पाकिस्तानी सेना के कब्जे में ले लिए गए जब उन्हें जीवन के सबसे कठिन समय का सामना करना पड़ा. कितनी तारीफ़ की जाए इस बहादुर भारतीय की, जिसने उस विपरीत परिस्थिति में भी अपना सर ऊंचा रखा, देश को झुकने नहीं दिया.

उन वीडियो को अगर आप गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि विंग कमांडर अभिनन्दन दुश्मन के कब्जे में कभी भी सामान्य नहीं लग रहे. हो सकता है उन्हें ड्रग भी दिया गया हो. उनसे बदसलूकी तो की ही गई.

अपने फाइटर प्लेन को हवा में टूटते हुए देखना, किसी भी सैनिक के लिए अपनी जान जाते हुए देखने जैसा होता है. और जब आप उस फाइटर प्लेन से कूदते हैं (जिसे इजेक्ट करना कहा जाता है), और वह भी काफी ऊंचाई से तो सिर्फ रब ही मालिक होता है.

उस क्षण आप मूर्छित हो जाते हैं, आपकी सांस कुछ पल के लिए रूक जाती है, और आपको पता नहीं होता कि आपका पैराशूट कब खुलेगा. आपको यह भी पता नहीं होता कि आप नीचे कहां गिरने वाले हैं.

हर सेकंड बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि आप लगभग 30 सेकंड में ही नीचे आ सकते हैं. उतने ही समय में आपको होश में भी आना होता है.

वैसी स्थिति में ऑक्सीजन भी बराबर मिलते रहना चाहिए. साथ ही यह भी देखना होता है कि हवा के दबाव से कैसे निपटा जाए.

रोंगटे खड़े हो जाएंगे जब आप सोचेंगे कि विंग कमांडर अभिनन्दन के पास समय बिलकुल नहीं था. वे कितनी तेज़ रफ़्तार से उड़ रहे एक फाइटर प्लेन से कूदे थे. वे दुश्मन के प्लेन से घिरे हुए थे.

ऐसे समय में आसमान में वैसी स्थिति बनती है जब हवा के दबाव से आपके नाक, कान, मुंह व आंख से खून निकलने लगता है.

आज यह सब आसान दिख रहा है क्योंकि अभिनन्दन वापस अपने देश लौट आए हैं और अपने परिवार और साथियों के बीच हैं, जबकि भारतीय वायु सेना के इस ऑफिसर ने वह कर दिखाया है जो नामुमकिन था.

पूरे प्रकरण पर गौर करें तो समझा जा सकता है कि आज वास्तव में कोई भारतीय ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाना चाहिए तो वह विंग कमांडर अभिनन्दन ही हैं.

अभिनन्दन देश का वह लाल है जिसे जन्म देकर उसके माता-पिता फूले नहीं समा रहे होंगे. अभिनन्दन भारतीय वायु सेना का वह फाइटर पायलट है जिसने सैन्यबल का मान रखा है, भारत का झंडा पाकिस्तान में गाड़ा है और जिसने दुनियाभर के फाइटर पायलटों में अपना नाम सबसे ऊपर लिख दिया है.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी
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