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400 पार एक bad request है

इस चुनाव की शुरुआत से ही बीजेपी (BJP) कह रही है 400 पार. आखिर क्यों 400 का ही नारा दे रही है बीजेपी? क्या बीजेपी (Bhartiya Janata Party) को लगता है उसे सम्पूर्ण बहुमत (majority) नहीं मिलेगी?

सरकार बनाने के लिए जहां 272 सीटों पर जीत चाहिए वहां बीजेपी 400 के अंक की बात क्यों कर रही है?

तो क्या (Abki Baar 400 Paar Slogan) एक मनोवैज्ञानिक खेल है जो बीजेपी जनमानस के साथ खेल रही है? क्या बीजेपी को लग रहा है उसे इस लोक सभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में बहुमत नहीं मिलेगी? और इसलिए वह कह रही है चार सौ पार?

बीजेपी के लीडर्स जो यह अंक बघार रहे हैं, क्या उन्होंने इसके पीछे कोई तर्क भी दिया है? तो फिर बिना किसी तर्क के आखिर क्यों कह रही है यह ‘इस बार 400 पार’?

कुछ नेताओं के द्वारा कहा जा रहा है कि बीजेपी चाहती है कि उसे ऐसी बहुमत मिले कि वह संविधान (Constitution) बदल सके. बहस से दूर रहकर देखें तो बीजेपी की सरकार पहले ही संविधान के कामकाज की समीक्षा के लिए एक राष्ट्रीय आयोग – NCRWC – पूर्व में बैठा चुकी है.

इस रिपोर्ट को विधि और न्याय मंत्रालय की वेबसाइट पर आज भी देखा जा सकता है. आपको बता दूं कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए ही यह रिपोर्ट वर्ष 2002 में ही तैयार की गई थी. लेकिन,तब इसे लागू नहीं किया जा सका था.

बहरहाल, आप इस 400 पार के माइंड गेम में नहीं पड़ें और इस लोक सभा चुनाव में अपने विवेक से मतदान करें. 400 पार जैसी वॉर क्राई काल्पनिक होती है.

यहां यह समझना जरूरी है कि हमारा देश एक लोकतंत्र है. भारत में ऐसे दावे की जगह नहीं है. वह भी तब जब यहां का नागरिक जागरूक है, सजग है. और एक जानकार वोटर अपना वोट सोच समझकर ही देता है.  

क्या आप जानते हैं 400 के अंक का मतलब क्या होता है?  इस सन्दर्भ में दो बातें –  

पहला यह कि मोहब्बत की दुनिया में 400 एक पवित्र नंबर माना जाता है. जब आप 400 का अंक दोहराते हैं, तो आपके पार्टनर से आपका रिश्ता मजबूत होता है.

और, वहीं इंटरनेट की दुनिया के सभी लोग जानते हैं कि 400 का सिग्नल एक bad request माना जाता है. उस स्थिति में सर्वर से आपको सिग्नल नहीं मिल रहा होता है. और तब आपकी इच्छा की पूर्ती नहीं होती.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी
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