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मदर टेरेसा का लोगो

मुंबई की एक ग्राफिक डिजाइनर ने मदर टेरेसा की संत घोषणा के लिए आधिकारिक प्रतीक चिन्ह का निर्माण किया है. इसे वेटिकन में प्रयोग में लाया जाएगा. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारत रत्न मदर टेरेसा को चार सितंबर को संत की उपाधि से सम्मानित किया जाना है.

समर्पित सेवाओं के कारण लोग मदर टेरेसा को प्रभु का अवतार और संत मानते हैं. उन्हें संत घोषित करने की प्रक्रिया 2003 से ही चल रही थी. विश्व भर के कैथलिक मसीही और गैर मसीही उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं. उन्हें संत घोषित करने की सारी औपचारिकता अब पूरी कर ली गई हैं.

ग्राफिक डिजाइनर करेन वासवानी ‘आवर लेडी ऑफ विक्टरी’ पल्ली की एक कैथलिक सदस्य हैं. उन्होंने ग्राफिक डिजाइनर के रूप में अपना पेशा 21 साल पहले शुरू किया था तथा पेशे के साथ-साथ शहर के विभिन्न पल्लियों में वे अपनी सेवाएं भी देती हैं.

करेन वासवानी

करेन वासवानी कहती हैं, “मैं मदर टेरेसा से व्यक्तिगत कभी नहीं मिल सकी किंतु मैं उनके कार्यों का बड़ा सम्मान करती हूँ तथा उनसे प्रेरित होकर अपने पेशे के अनुभवों द्वारा मैं बहुधा उदार कार्यों में संलग्न होती हूँ.”

कोलकाता महाधर्मप्रांत ने उनसे संपर्क कर धन्य मदर टेरेसा की संत घोषणा हेतु ‘लोगो’ (प्रतीक चिन्ह) बनाने का आग्रह किया था. “मेरे द्वारा बनाए गए लोगो को पसंद कर लिया गया तो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रखने का निश्चय हुआ. मैं बहुत खुश हूँ और उनके प्रति अति कृतज्ञ हूँ.”

मदर टेरेसा का प्रतीक चिन्ह बनाने में तीन दिन लगे. प्रतीक चिन्ह में लगे शब्द वेटिकेन द्वारा मिले हैं जिसमें लिखा है, ‘ईश्वर के कोमल एवं करुणावान प्रेम के वाहक’.

1910 में सोप्जे, मैसिडोनिया में जन्मी मदर टेरेसा का 1997 में 87 वर्ष की आयु में देहांत हो गया था. कोलकाता में स्थापित उनकी संस्था ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ आज भी दुनियाभर में असहाय लोगों की सेवा कर रही है.


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